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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड

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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड का यार्ड में एक नया जहाझ।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers / GRSE)) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह कोलकाता में स्थित है। यह भारतीय नौसेना के पोतों से लेकर व्यापारिक जलपोतों तक का निर्माण एवं मरम्मत करते हैं। 20 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैले जीआरएसई का अगला भाग करीब 1 किलोमीटर तक नदी से घिरा हुआ है।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड सन् 1884 में हुगली नदी के किनारे एक लघु फैक्टरी के रूप में अस्तित्व में आई। सन् 1916 में इसे गार्डन रीच वर्कशॉप (जीआरडब्ल्यू) नाम दिया गया तथा 1913 के भारतीय कम्पनी अधिनियम के अधीन इसे 26 फ़रवरी 1934 से एक कम्पनी के रूप में निगमित किया गया (1933-34 का पंजीकरण संदृ 7891)। भारत सरकार ने 1 अप्रैल 1960 को इस कंपनी को अपने हाथ में ले लिया। कंपनी अपनी प्रगति और विविधताओं के साथ सक्रिय हो गई और इसकी बहुआयामी गतिविधियों को सही रूप में दर्शाने के लिए 31दिसम्बर 1977 से इसका नाम बदलकर गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड कर दिया गया। बढ़ती हुई समुद्रीय आवश्यकताओं, विशेषकर भारतीय नौसेना और तटरक्षक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जीआरएसई का धीरे धीरे विस्तार और आधुनिकीकरण किया गया है।

जीआरएसई देश के अग्रणी शिपयार्डों में अपना स्थान रखता है और पूर्वी क्षेत्र का यह एक प्रमुख शिपयार्ड है। यहाँ आधुनिक युद्धपोतों से लेकर परिष्कृत कमर्शियल वैसल और छोटे हारबर क्राफ्ट से लेकर तीव्र एवं शक्तिशाली गश्ती वैसल की एक विशाल श्रृंखला का निर्माण किया जाता है। यह विश्व के उन कुछ शिपयार्डों में से एक है जिसके पास अपने इंजीनियरिंग एवं इंजन निर्माण प्रभाग हैं। अपनी उत्कृष्टता के 100 वर्षों के अनुभव के ठोस आधार पर जीआरएसई नई सहरुााब्दि की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।

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